एसडीएम ले रहे हैं फसल नुकसानी का जायजा
बैतूल/मुलताई । मप्र के जिलों कई जिलों में बीती रात दुनावा क्षेत्र के किसानों के लिए कहर बनकर आई अतिवृष्टि के चलते किसानों की खेतों में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है फसल के स्थान पर खेतों में बर्फ की चादर से फैल गई है भयानक बर्फबारी का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि सुबह तक खेत और आंगन में बर्फ के ढेर लगे रहे। बर्फबारी की खबर लगते ही एसडीएम सीएल चनाप राजस्व अमले के साथ पीड़ित ग्रामों का दौरा किया। यह पहला अवसर है जब किसान अपनी समस्या में प्रशासन को अपने साथ पा रहे हैं इससे पहले कि किसान अपनी समस्या लेकर तहसील पहुंचे उससे पूर्व ही एसडीएम अपने अमले के साथ ग्रामों में पहुंचकर स्वयं ओलावृष्टि से हुई फसल नुकसानी का जायजा ले रहे हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी ने गुरुवार को चिकली ग्राम लखापुर कपासिया सहित एक दर्जनों ग्रामो का दौरा कर फसलों का जायजा लिया एवं किसानों को हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। ओलावृष्टि से दुनावा क्षेत्र में सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
ग्राम दुनावा प्रकाश सूर्यवंशी ने बताया कि दुनावा ग्राम से लगे दो दर्जन ग्रामीणों में बीती रात जोरदार वर्षा एवं बर्फबारी हुई, गांव खल्ला ,सिपावा, सोनेगांव, सर्रई ,मूसा खापा, चिकलीकला, कपासिया, लाखापुर और अन्य आजू बाजू के गांव में रात लगभग 10:00 बजे 10:30 बजे 30 मिनट तेज बारिश के साथ सेब के आकार के ओले गिरे जिससे कि खेतों में 4 इंची परत जम गई जिससे गेहूं ,चना ,मटर एवं अन्य फसल को नुकसान हुआ एवं सब्जी की फसल तो पूरी तरह ही बर्बाद हो गई, खासकर टमाटर की फसल तो बची ही नहीं ।सर्रई के किसान सुरेश सूर्यवंशी ने बताया कि हमारे 4 एकड़ में गेहूं की फसल में बाली लग चुकी थी जोकि ओले पड़ने से पूरी बाली गिरकर जमीन में धंस गई ।और जो 4 इंची बर्फ जमी हुई है वह अभी तक भी नहीं घुली है। जो गेहूं अभी छोटा है उसे कम नुकसान हुआ हैं । कई घरों के कवेलू भी टूट गए हैं और यदि दस 15 मिनट और ओले गिरते तो शायद बाकी बची फसल और घर के कवेलू भी नहीं बच पाते।
मुलताई एवं पट्टन ब्लाक के सैकड़ों ग्रामों की गेहूं की फसल तबाह
अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का दर्द अभी कम भी नहीं हो पाया था कि ओलावृष्टि और बिन मौसम बरसात ने किसानों की बेचैनी को बढ़ा दिया है। मौसम में आए बदलाव और वर्षा के कारण मुलताई एवं पट्टन ब्लाक के अनेक किसानों की खेतों में लहलहाती गेहूं की फसल को जमींदोज कर दिया। पीड़ित किसान बताते हैं इस वर्ष अति वर्षा में सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी, इसलिए किसानों ने अपने खेतों को साफ कर, जल्दी से गेहूं की फसल लगा दी थी ,ताकि सोयाबीन की फसल के नुकसान की भरपाई गेहूं की फसल से हो सके, और आजीविका चलाई जा सके, किंतु जिन किसानों ने गेहूं की फसल को पहले बो दिया था और जिन की फसल बड़ी बड़ी हो गई थी, बीते 1 सप्ताह से मौसम में आए बदलाव का दशं नहीं झेल सकी, जड़ों से टूटकर खेतों में लेट गई है। संपूर्ण खेत में गेहूं की फसल भूसे की तरह बिखर गई है। पट्टन ब्लाक के तीवरखेड़ ग्राम वडली निवासी शिवेंद्र सोलंकी बताते हैं कि ,उनके खेत में लगी सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी, उन्होंने किसी तरह अपने खेत से खराब हुई सोयाबीन को हटाकर गेहूं की फसल बोई थी उनके खेत में लगभग ढाई एकड़ में गेहू की फसल लहलहा रही थी, जिसे देखकर उनका पूरा परिवार उत्साह में था किंतु बीती रात हुई वर्षा और ओलावृष्टि के कारण उनकी फसल हरे मैदान में बदल गई। पूरी फसल जमींदोज हो गई है। जिसे सुधार की संभावनाएं भी समाप्त हो गई है। यही स्थिति मुलताई ब्लॉक के निकटतम ग्राम वलनी निवासी सेवा सिंह की फसलों की भी है इनकी भी 3 एकड़ में बोल गई गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। यह हाल मात्र 2 ग्रामों का नहीं है बल्कि मुलताई एवं पट्टन ब्लाक के 100 से भी अधिक ग्रामों में ओलावृष्टि एवं वर्षा से गेहूं की फसल का यही हाल है। किसानों ने बताया की जिन किसानों ने बाद में गेहूं की फसल की बुवाई की थी जिन की फसल अभी छोटी है उन्हें पानी से जहां लाभ मिला है वहीं जिन लोगों ने अपने खेतों की बुवाई पहले कर दी थी उन्हें इस मौसम की मार ने बदहाल कर दिया है। जिन किसानों ने पहले बुवाई की थी उनकी गेहूं की फसल ऊपर आ गई थी ऐसे ही किसानों को मौसम की मार अधिक भुगतनी पड़ रही है।
इनका कहना
हमने ओला पीड़ित अनेक ग्रामों का दौरा किया ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों की स्थिति को देखकर किसानों को प्रशासन के साथ रहने का विश्वास दिलाया है। किसानों को हर संभव मदद की जाएगी राजस्व अमला मूल्यांकन कर रहा है।
सीएल चनाप
अनुविभागीय अधिकारी मुलताई